ग़ज़ा पर ‘एक और बेक़रार रात’ – 35 से ज्यादा लोगों की मौत

 

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ग़ज़ा पर ‘एक और बेक़रार रात’ — 35 से ज्यादा लोगों की मौत

समाचार स्रोत: Al Jazeera · प्रकाशित: (14-September-2025)
ग़ज़ा पट्टी में एक और रात हिंसा के साये में गुज़री — अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक़ सुबह तक कम से कम 35 फ़लस्तीनी मारे गए।

अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक़ आज सुबह तक ग़ज़ा सिटी और उसके आसपास के इलाक़ों में कम से कम 35 लोग बिलकुल ताज़ा हमलों में मारे गए। ये मौतें तोपख़ाने की गोलाबारी, ज़मीन से फायरिंग और नौसैनिक जहाज़ों से दागे गए शेल्स के कारण हुई हैं।

स्थानीय निवासियों ने इस हालत का वर्णन करते हुए कहा कि यह एक “बेक़रार रात” थी — गोलाबारी और धमाकों की आवाज़ें लगातार सुनाई देती रहीं और लोग आश्रय खोजने को बाध्य रहे।

क़तर में उसी समय अरब और मुस्लिम देशों का एक शिखर सम्मेलन चल रहा है, जहाँ नेताओं ने ग़ज़ा में नागरिकों की स्थिति और हिंसा के बढ़ते प्रभाव पर चर्चा की है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ रही है क्योंकि नागरिक हताहतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।

राजनीतिक और मानवतावादी असर

इस हिंसा के चलते हज़ारों नागरिक विस्थापित हो चुके हैं; बिजली, पानी और चिकित्सा सुविधाओं की कमी ने मानवीय संकट को और गहरा दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव है कि क्षेत्रीय नेताओं को मिलकर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित हो।

नकारात्मक पक्ष / चुनौतियाँ

  • इंफ्रास्ट्रक्चर बर्बाद: सड़कों, अस्पतालों और आवासीय इलाक़ों को भारी क्षति।
  • स्वास्थ्य संकट: अस्पतालों में जगह तथा दवाइयों की कमी, घायल नागरिकों का इलाज प्रभावित।
  • मानवता संकट: शरणार्थियों के आवास और मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

क्या कहा जा रहा है?

इज़रायल का कहना है कि यह अभियान हमास के ख़िलाफ़ सुरक्षा कार्रवाई का हिस्सा है। दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह तथा अरब देश नागरिक हताहतों पर चिंतित हैं और जाँच व तत्काल मानवीय मदद की मांग कर रहे हैं।

स्रोत: Al Jazeera — रिपोर्ट

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