Times Watch देश दुनिया
रखे हर खबर पर पैनी नजर | खबर को सच की छलनी में छान कर झूठ को कूड़े में डाल कर आप तक लाते हैं।
दम तो तोड़ते सच को बचाने की कोशिश।
📰 Times Watch | देश-दुनिया पर पैनी नज़र
आज हम बात करेंगे भारतीय राजनीति की ज़ुबानी जंग की।
तो चलिए जानते हैं कि किसने किसे क्या कहा — पूरा चिट्ठा। 👇...
कभी मोदी जी पर विपक्ष ने कसे तंज, तो कभी खुद मोदी जी ने विपक्ष पर बोला सीधा हमला।
तो चलिए जानते हैं कि किसने किसे क्या कहा — पूरा चिट्ठा। 👇
1️⃣ मोदी जी को कहे गए अपशब्द (विपक्ष/नेताओं द्वारा)
- “नीच आदमी” — कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का बयान (2017)।
- “चायवाला” तंज़ — कांग्रेस नेताओं द्वारा बार-बार चुनावी रैलियों में उल्लेख।
- “गधे का बच्चा” — अखिलेश यादव ने गुजरात चुनाव (2017) में कहा।
- “भस्मासुर” — पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा।
- “नकली ओबामा, असली झूला” — राहुल गांधी का कटाक्ष।
- “काला जादू करने वाला” — बसपा प्रमुख मायावती का बयान।
- “दंगाई” — कांग्रेस और अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा गोधरा के बाद लगातार संदर्भ।
- “लुटेरा/झूठा” — राहुल गांधी और विपक्ष के मंचों से बार-बार।
👉 इन सभी बयानों पर समय-समय पर राजनीतिक बवाल मचता रहा और मोदी समर्थक इसे “व्यक्तिगत हमला” करार देते रहे।
2️⃣ मोदी जी द्वारा दूसरों को कहे गए अपशब्द / कटाक्ष
मोदी जी ने भी अपनी चुनावी सभाओं और भाषणों में कई बार विपक्षी नेताओं पर तीखे और विवादित कटाक्ष किए।
- “50 करोड़ की गर्लफ्रेंड” — शशि थरूर की पत्नी पर तंज (2012)।
- “जर्सी गाय” और “हाइब्रिड बछड़ा” — सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर कटाक्ष (2004 के बाद कई बार उल्लेख)।
- “Congress की विधवा” — सोनिया गांधी पर विवादित टिप्पणी, जिस पर बाद में कई मीडिया रिपोर्ट्स और आलोचना।
- “Didi O Didi” — ममता बनर्जी पर चुनावी व्यंग्य (बंगाल चुनाव 2021)।
- “शहज़ादा” — राहुल गांधी के लिए उपमा, बार-बार रैलियों में।
- “दीमक” — कांग्रेस को दीमक बताया (2014 और 2019 चुनावी भाषणों में)।
- “इंफिल्ट्रेटर्स” — समुदाय-विशेष पर हमला बताकर विपक्ष ने आलोचना की।
समुदाय-विशेष पर:
-
“कब्रिस्तान बनाम श्मशान” — यूपी चुनाव (2017)।
-
“दंगाइयों को कपड़ों से पहचान सकते हैं” — झारखंड (2019)।
-
“जिनके ज्यादा बच्चे हैं, वे आपकी जमीन और भैंसे ले लेंगे” — जनसंख्या नियंत्रण पर विवादित टिप्पणी।
-
“बांग्लादेशी घुसपैठिए दीमक हैं” — नॉर्थ ईस्ट चुनाव।
-
“बिजली रमज़ान में आती है, दीवाली पर नहीं” — यूपी की रैली।
👉 इन बयानों ने भी राजनीति का माहौल गरमाया और विपक्ष ने मोदी को “अपमानजनक और व्यक्तिगत” राजनीति करने का आरोप लगाया।
📌 निष्कर्ष
भारतीय राजनीति की ज़ुबानी जंग में अपशब्द और कटाक्ष दोनों ओर से चलाए गए। विपक्ष ने मोदी को “नीच, दंगाई, झूठा” कहा, तो मोदी ने विपक्ष को “जर्सी गाय, विधवा, दीमक” कहकर ललकारा।
इससे साफ है कि भारतीय राजनीति में मर्यादा की सीमा लांघना अब आम बात हो चुकी है, और जनता इन जुमलों को या तो मनोरंजन समझती है या राजनीतिक हथियार।