📰Times Watch - दम तोड़ते सच को बचाने की कोशिश,
03 September 2025
📰नई दिल्ली
आर्टिकल
1️⃣ मौजूदा हकीकत – ट्रंप का 50% टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ ठोक दिया।
अमेरिकी मीडिया ने इसे India–US रिश्तों का सबसे बुरा दौर कहा।
The Guardian ने साफ लिखा कि इससे मोदी और शी जिनपिंग की करीबी बढ़ेगी।
भारतीय मीडिया, जिसने कल तक ट्रंप की हर मुस्कान को “Masterstroke” बताया था, अब कह रहा है – “India को Global Pressure से निपटना होगा।”
मसला ये नहीं के ट्रम्प किया कहता है मोदी जी किया जवाब देते हैं भारत कोई मामूली देश तो है नहीं है, ना जाने कितने ट्रम्प आये और चले गए भारत पर अनेकों आक्रमणकारियों ने अकर्मण किया लूटा खसोटा चले गए उससे पहले मुग़लों ने बरसो राज किया वो सब इसी भारत की मिट्टी तले सो रहे हैं, भारत था भारत है और भारत क़यामत तक बाकी रहेगा!
असल मुद्दा ये है के लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहे जाने वाली हमारी मीडिया अपनी ज़िम्मेदारी से इंसाफ नहीं कर रही,
अहम् मसला चरण चुम्बन करने वाली मीडिया है 👇👇
2️⃣ Howdy Modi और Namaste Trump – जब दोस्ती के कसीदे पढ़े गए
2019 ह्यूस्टन – Howdy Modi
2020 अहमदाबाद – Namaste Trump
मोदी ने कहा – “अमेरिका का सच्चा मित्र”
ट्रंप ने कहा – “भारत का महान नेता”
भारतीय मीडिया ने ड्रम बजाए:
- “Trump-Modi: दुनिया की सबसे बड़ी दोस्ती”
- “Howdy Modi – विश्व राजनीति का नया दौर”
- “Namaste Trump: भारत की शान”
उस समय विपक्ष अगर सवाल उठाता कि ये इवेंट्स पर अरबों रुपये क्यों खर्च हो रहे हैं, तो मीडिया ने कहा – “ये है भारत की ताक़त, राहुल गांधी जैसे लोग समझ नहीं पाएंगे।”
3️⃣ जब चीन की जमीन की बात उठी, तो विपक्ष बना “चीन का एजेंट”
लद्दाख और डोकलाम विवाद में जब राहुल गांधी और विपक्ष ने सवाल उठाए –
“चीन ने हमारी जमीन कब्जाई है” –
तब मीडिया ने हेडलाइन चलाई:
- “राहुल गांधी चीन की भाषा बोल रहे हैं”
- “विपक्ष का एजेंडा चीन को फायदा पहुँचा रहा है”
- “मोदी ने दुनिया को चीन का सामना करना सिखाया”
यानी, चीन पर सवाल उठाना = देशद्रोह!
और मोदी–ट्रंप की दोस्ती = राष्ट्रवाद की पराकाष्ठा!
4️⃣ अब वही मीडिया ट्रंप–जिनपिंग की दोस्ती को फायदे गिना रहा है
आज हालात पलटे हैं।
ट्रंप जिनपिंग से मिल रहे हैं, “नई डील” हो रही है।
मीडिया अब हेडलाइन चला रहा है:
- “Trump–Xi Meeting: Global Stability के लिए अहम”
- “India को मिल सकता है अप्रत्यक्ष फायदा”
- “Trade War का नया अध्याय, भारत को अवसर देखना होगा”
यानी, वही मीडिया जिसने राहुल गांधी को “चीन का एजेंट” कहा था, अब चीन–अमेरिका की नज़दीकी को भारत के लिए golden chance बताने में लगा है।
5️⃣ मीडिया का गिरगिट रूप – सत्ता की चरण वंदना
असल सच्चाई यही है – भारतीय मीडिया का बड़ा हिस्सा सत्ता का PR एजेंट बन चुका है।
- जब मोदी ने ट्रंप को मंच दिया → “Masterstroke”
- जब राहुल ने चीन की जमीन पर सवाल उठाया → “Agent of China”
- जब ट्रंप ने भारत को चोट दी → “Global Pressure”
- जब ट्रंप–जिनपिंग मिले → “Golden Opportunity”
ये लोकतंत्र के प्रहरी नहीं, बल्कि सत्ता के दरबारी हैं।